महादेवी वर्मा
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जो तुम आ जाते एक बार
जो तुम आ जाते एक बार
कितनी करूणा कितने संदेश
पथ में बिछ जाते बन पराग
गाता प्राणों का तार तार
अनुराग भरा उन्माद राग
आँसू लेते वे पथ पखार
जो तुम आ जाते एक बार
हँस उठते पल में आर्द्र नयन
धुल जाता होठों से विषाद
छा जाता जीवन में बसंत
लुट जाता चिर संचित विराग
आँखें देतीं सर्वस्व वार
जो तुम आ जाते एक बार
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जी बहुत ही सुन्दर
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महादेवी वर्मा कोर्स बुक में हुआ करती थी इनकी रचनाएं। बहुत बढ़िया
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हिंदी दिवस की शुभकामनाये
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School me kuch rachnaye padhi hai ati sundar
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हिंदी दिवस की शुभकामनाएं अपर्णा जी। ईश्वर आपको लेखन में दिन दोगूनी रात चौगुनी तरक्की दे।💐
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