मायानगरी-6
होस्टल के कमरे में रंगोली रोती बैठी थी और झनक की समझ से बाहर था कि आखिर ऐसी कौन सी बात हो गयी जो रंगोली ऐसे धुंआधार रोये पड़ी है।
” अरे कुछ बता भी दो यार रंगोली! हुआ क्या? क्या रैगिंग वाली बात से परेशान हो ? ये सब बहुत कॉमन है यार। इसके लिए इतना टेंशन लेने की ज़रूरत नही है। बस कुछ दिनों की बात है फिर यही सीनियर्स खूब हेल्प करेंगे। ले पानी पी और अब चुप हो जा।”
पानी पीकर रंगोली थोड़ा संभली और अपनी परेशानी उसने कहनी शुरू की…-“झनक यार इस लड़के ने मुझे कहीं का नही छोड़ा।”
झनक चौन्क कर रंगोली को देखने लगी, उसे रंगोली की बात एकदम से समझ में नही आई…-” किस की बात कर रही है तू ?”
“वही इंजीनियरिंग वाला। कहाँ से आकर गले पड़ गया यार। अब क्या करूँ। ये तो हर जगह मुझे बदनाम करने में लगा हुआ है। सीनियर्स पर प्रोफेसर्स पे मेरा कितना खराब इम्प्रेशन पड़ेगा, सोच तो!”
” अरे यहाँ ये सब कोई नही सोचता!”
“सभी जगह सोचते हैं यार! बस कहने की बात है कि नही सोचते। आज तक मेरे स्कूल में मेरी इतनी अच्छी इमेज थी इसने सब सत्यानाश कर दी। एक नम्बर का बेवकूफ है , अरे भई मैंने मांगी तुझसे हेल्प तो तू क्यों हर जगह मेरा गार्जियन बनकर घूम रहा है।”
” गार्जियन नही पति!” झनक ने चुटकी ली और रंगोली एक बार फिर नाराज़ होकर रोने लगी…-“यार प्लीज़ मत बोल ऐसा। इस लड़के से ऐसी नफरत हो रही है ना कि सामने आ जाये तो गला दबा दूँ। इसने सब जगह मेरा नाम खराब किया है।”.
” तो अब कर भी क्या सकते हैं यार। छोड़ ना। तू क्या उससे माफी मंगवायेगी?”
” हाँ ! बिल्कुल मंगवाऊंगी। जिस जिस से जाकर उसने खुद को मेरा पति बोला है उस हर एक के सामने जाकर हाथ जोडकर माफी मांगेगा और माफी जब तक नही मिलेगी हमारे सीनियर्स के पैरों पड़ा रहेगा।”
” तेरी मर्ज़ी! लेकिन मुझे नही लगता वो हीरो तेरी बात मानेगा।”
” झनक तू बस ये सोच की हम उससे कहाँ मिल सकतें हैं । मुझे उससे अकेले में बात करनी है।”
” हम्म इंजीनियरिंग वाला बंदा है, कैंटीन में सुट्टा मारते मिल ही जायेगा। नाम गांव कुछ पता है उसका?”
” नाम अभिमन्यु बताया था और मैकेनिकल पांचवे सेम का स्टूडेंट है। यार एक तो मुझे पढ़ाई की इतनी ज्यादा टेंशन हो गयी है कि हर वक्त पेट में अजीब सी गुड़गुड़ होती रहती है ऊपर से इस ने और नाक में दम कर दिया।”
” पढ़ाई की टेंशन अभी से क्यों?”
” बुक्स देखीं हैं। इतनी मोटी मोटी की लगता है मुझे खा जाएंगी। ये फिजियो की “गायटन एंड हाल” और ये ग्रे की एनाटॉमी। पता नही कुछ मेरे पल्ले भी पड़ेगा कि नही। मुझे तो ये सब पढ़ने के लिए डिक्शनरी लेकर बैठना पड़ेगा यार। मेरी स्कूलिंग हिंदी मीडियम थी ना!”
” अबे ये बात! इसलिए इतना डर रही तू। सुन किताबें तो यहीं हैं जो तीर्थ है हमारा ! लेकिन हमें तीर्थ पूरा करवातें हैं चौरसिया जी और जैन साहब।”
” मतलब?”
” मतलब फिजियो की हम पढेंगे जैन और एनाटॉमी में पढ़ेंगे बी डी चौरसिया। ये हमारी भाषा की किताबें हैं। यानी है तो इंग्लिश में लेकिन हमारी आसान सी इंग्लिश में। और फिर जो समझ न आये उसके लिए मैं हूँ ना। “
” हम्म ! मैं पास तो हो जाऊंगी ना!”
” तुझे रंगोली बस रोने की बीमारी है क्या? अब तक उस छछूंदर के नाम पर आँसू बहा रही थी, अब पढ़ाई के नाम पर।”
” यार झनक क्या करूँ? यहाँ रैगिंग के सिवा कुछ होता ही नही तो मज़ा कैसे आएगा। मुझे तो हॉन्टेड कैसल लग रहा है ये मायानगरी।”
” चल नीचे चलते हैं। कुछ अच्छा सा खाएगी तो दिमाग काम करेगा और फिर तुझे उस रितिक रोशन से लड़ने भी तो जाना है ना?”
” छोड़ यार! किसी ने उससे बात करते देख लिया तो और मुसीबत हो जाएगी। जाने दे। बस भगवान से प्रार्थना है अब मेरी पढ़ाई पूरी होते तक उसकी शक्ल न देखने को मिले।
“आमीन !! नही मिलेगी।”
रंगोली जो कुछ देर पहले अभिमन्यु को पानी पी पीकर कोस रही थी, अब उसे भूलभाल कर नीचे होस्टल मेस में जाने की तैयारी कर रही थी।
झनक के साथ रंगोली नीचे पहुंची तो पता चला आज किन्हीं कारणों से मेस बंद रहेगा। उन लोगों के पास ऊपर कमरे में भी कुछ खाने को नही था। झनक के कहने पर दोनों हॉस्टल के बाहर बनी कॉमन कैंटीन में आ गईं।
अभिमन्यु भी अधीर को साथ लिए रंगोली को ताड़ने के बहाने हैं मेडिकल कॉलेज की तरफ पडने वाली कैंटीन में आकर बैठा था कि उसी वक्त रंगोली झनक के साथ कैंटीन में दाखिल हुई।
उसे देखते ही खुशी से चौक कर वो खड़ा हो गया और तुरंत रंगोली के पास पहुंच गया ” हेलो कैसी हैं आप? मैं अभिमन्यु!”
अभिमन्यु को वहां आया देख रंगोली के तन बदन में आग लग गई। उसे पिछले चार-पांच दिन से जो चल रहा था वह सब एकदम से याद आ गया और वह बुरी तरह से अभिमन्यु पर भड़क उठी।
” तुम समझते क्या हो खुद को और मुझे क्या समझ रखा है? यह कोई फिल्म चल रही है कि तुम हीरो और मैं हीरोइन बन गई।
देखो मिस्टर अच्छे से इस बात को समझ लो, कि मैं सिर्फ और सिर्फ पढ़ाई करने यहां आई हूं! तुम मेरे नाम के साथ अपना नाम इस तरह से जोड़ दोगे तो मैं तुम्हारी डायरेक्ट कंप्लेन अपनी डीन से कर दूंगी। डीन से यह बात सीईओ मैडम तक पहुंची तो तुम्हें सीधे रस्टिकेट कर दिया जाएगा। अब तुम फोर्थ सेमेस्टर में रहो चाहे फिफ्थ सेमेस्टर में, तुम्हारी पूरी की पूरी पढ़ाई डब्बा हो जाएगी। समझ में नहीं आता की तुम्हें कॉलेज में पढ़ाई करना है या बस हीरोगिरी करने आए हो। क्या इधर-उधर घूम घूम के लड़कियों को परेशान करना , सिर्फ यही काम है तुम्हारा।
मेरी सारी इमेज खराब कर दी । पता नहीं मेरे सीनियर क्या सोचेंगे कि कल कि आई जूनियर अफेयर चला रही है।
देखो तुम होगे किसी रईस बाप की बिगड़ी औलाद , तुम्हारे लिए पढ़ाई करना एक शौक होगा। तुम्हें रुपए पैसे कमाने से कोई लेना-देना नहीं होगा लेकिन मैं ऐसी नहीं हूं। मैं हद दर्जे की मिडिल क्लास लड़की हूं। रुपए पैसों से भी और फैमिली वैल्यूज से भी।
मैं इतनी मिडिल क्लास हूं कि मेरे विचार भी मेरे जैसे ही मिडिल क्लास हैं। मेरे लिए मेरा कैरेक्टर सबसे बड़ी बात है, मैं यहां सिर्फ और सिर्फ पढ़ने आई हूं । पढ़ाई करके मुझे एक अच्छा डॉक्टर बनना है। अपना क्लीनिक डालना है खूब पैसे कमाने हैं। अपने मम्मी पापा को खुश रखना है। उनके आज तक के जो सपने पूरे नहीं हो पाए उन्हें पूरा करना है। मेरे पास प्यार इश्क मोहब्बत करने के लिए बिल्कुल वक्त नहीं है।
तुम सोच भी नहीं सकते कि तुमने मेरा कितना बड़ा नुकसान किया है। मैं माफी मांगती हूं मुझसे गलती हो गई कि मैंने रैगिंग से बचने के लिए आकर तुम्हें गलती से प्रपोज कर दिया और वह सिर्फ और सिर्फ रैगिंग थी उसके लिए मुझे माफ करो। और प्लीज मेरी जिंदगी से दूर हट जाओ।
हो सके तो अब जब तक मैं इस कॉलेज में हूं मुझे अपनी शक्ल मत दिखाना । प्लीज तुम्हारे हाथ जोड़ती हूं, क्योंकि तुम मेरे लिए यह तो करोगे नहीं कि मेरे सारे सीनियर से जाकर यह बात कहो कि तुम जो भी कह रहे थे वह गलत था, झूठ था, मजाक था। पहले मेरी सारी सीनियर्स मैडम के सामने तुमने मेरी इमेज खराब की, बाद में मेरे सीनियर सर लोगों के सामने भी तुमने वही कर दिया। अब मेरे पूरे कॉलेज में सब मुझे तुम्हारी गर्लफ्रेंड समझ रहे हैं। जबकि ऐसा कुछ है नहीं और तुम शायद नहीं जानते प्रोफेशनल कॉलेज में कैरेक्टर बहुत ज्यादा मैटर करते हैं।
तुम्हें शायद नहीं पता होगा लेकिन मेरे मार्क्स पर भी इस बात का असर पड़ेगा । मेरे प्रैक्टिकल मार्क्स तो ज़ीरो ही हो गए क्योंकि प्रोफेसर एक कैरक्टरलेस लड़की को कभी भी अच्छे मार्क्स नहीं देते।”
बोलते बोलते रंगोली की आंखों से आंसुओं की धार बहने लगी झनक उसे संभाली हुई थी। और बार-बार शांत करवा रही थी लेकिन अभिमन्यु रंगोली के इस रूप को देखकर दिल से घबरा गया था। रंगोली के आंसू उसकी आंखें भिगो गए थे । उसने सोचा भी नहीं था कि जिस बात को वह आज तक इतना कैजुअल ले रहा था वो रंगोली के लिए इतनी बड़ी बात हो सकती है, उसने तुरंत अपने दोनों हाथ जोड़ दिए।
“मुझे माफ कर दो रंगोली मैं तुम्हारे हर एक सीनियर से मिलकर माफी मांग लूंगा। और तुम बेहिचक पढ़ाई करो मैं अब तुम्हें कभी डिस्टर्ब करने नहीं आऊंगा।”
अभिमन्यु अपनी आंखें पोंछता वहां से बाहर निकल गया अधीर भी उसके पीछे भागता चला गया।
वह तो अच्छा था कि इस कैंटीन में ज्यादा भीड़ भाड़ नहीं थी और यह लोग दरवाजे पर ही टकरा गए थे इसलिए किसी ने भी इन लोगों पर ध्यान नहीं दिया लेकिन रंगोली को अब बस यही महसूस हो रहा था कि हर किसी की निगाहें उसी की तरफ़ है। उसने झनक का हाथ पकड़कर धीमे से कहा कि “अब मैं अंदर नहीं जा सकती मुझे वापस कमरे में जाना है” झनक उसकी हालत समझ गई थी इसलिए उसे साथ लेकर वह हॉस्टल वापस चली आई।
लुटा पिटा सा अभिमन्यु भी अपने हॉस्टल पहुंच गया अधीर ने उससे खाने के लिए भी पूछा लेकिन अब उसकी भूख प्यास सब उड़ गई थी।
उसने अपने कमरे का दरवाजा खोला तो देखा सामने सीपी सर बैठे हैं।
“सर आप यहां? मुझे बुला लिया होता।”
“अब का कांड कर दिए हो मिसिर जी?”
“क्या बात हो गई सर मैं समझा नहीं?”
“मेडिकल में जाकर कुछ हंगामा किए हो भाई?”
“आपसे किसने कहा?”
“ऋषि खुराना की टीम सीईओ मैडम के पास गई थी! तुम्हारी शिकायत लेकर। बुलावा आया है, वाशिंग पाउडर के ऑफिस में।
कल मैडम ने तुमको याद किया सुबह सुबह पहुंच जाना नौ बजे। हम भी चलेंगे तुम्हारे साथ हम जानते हैं तुम कुछ गलत काम तो कर नहीं सकते। पर यार थोड़ा तो सोचा करो निरमा मैडम के पास हम ही लोग गए थे यह फरियाद लेकर कि स्टूडेंट्स का अपनी परिधि को लांघना बंद करवा दीजिए। उन्होंने बंद करवाने की कोशिश शुरू की कि हमारा यह लड़का मेडिकल में पहुंच गया। “
अभिमन्यु को बीते दिन वाली सारी बातें याद आ गई और उसने अपने सर पर अपना हाथ मार लिया
“अब याद आया! तो वह साला इस चक्रव्यूह में फंसाने की बात बोल रहा था। उस कमीने को तो मैं देख लूंगा सिपी सर।”
“अरे हटाओ छोड़ो यार ! उसको तो हम एक साथ सब देख लेंगे, उसकी चिंता छोड़ो। फिफ्थ सेम के एग्जाम की डेट आ गई है। उस पर भी फोकस करो। इस बार तुम्हारा चांस है अगर इस बार टॉप कर लिए तो अगले सेमेस्टर बुक बैंक फ्री मिलेगा तुमको।
“यह बढ़िया बात बताएं सर आप। एग्जाम कब से हैं?”
“2 हफ्ते बाद की डेट आई है बेटा! कभी थोड़ा लाइब्रेरी के बाहर लगे नोटिस बोर्ड पर भी नजरें फिरा लिया कीजिए। वैसे तो आप दोनों बहुत ही ज्यादा व्यस्त रहते हैं! लेकिन अपने व्यस्त शेड्यूल से थोड़ा टाइम निकाल कर नोटिस बोर्ड पर भी नजर डाला कीजिए।”
अभिमन्यु और अधीर झेंप कर इधर-उधर देखने लगे।
सीपी उठकर अभिमन्यु के बालों पर हाथ रख कर बाहर निकल गया दरवाजे से पलट कर एक बार फिर उसने अभिमन्यु को आवाज लगा दी…- घबराओ मत ऋषि खुराना की तो खबर हम सब मिल कर लेंगे! अभी फिलहाल कल जाकर मैडम के पैर पकड़ लेना कि तुम को सस्पेंड ना करें! 2 हफ्ते बाद एग्जाम हैं। इस बात की भी दुहाई दे देना जिससे तुम्हें माफ कर दें। आई बात समझ में?”
अभिमन्यु ने झुक कर सीपी सर के पैर छू लिये। और सीपी ने उसे ऊपर उठा कर अपने कलेजे से लगा लिया…-” छोटे भाई हो बे हमारे।’
******
अगली सुबह निरमा के ऑफिस के बाहर अभिमन्यु इधर से उधर चक्कर काट रहा था कि तभी निरमा के ऑफिस का दरवाजा खुला और एक लंबे चौड़े डील डौल वाला स्मार्ट सा बंदा एक बच्ची का हाथ पकड़े बाहर निकल आया…
हड़बड़ी में अभिमन्यु उससे टकराते टकराते बचा…-” सॉरी सर! वो ज़रा दिमाग घुमा हुआ है ना। इसलिए कुछ सूझ नही रहा और आपसे टकरा गए।”
” कोई बात नही। “
वो व्यक्ति आगे बढ़ने को था कि उस बच्ची ने अभिमन्यु के हाथ में थमा गुलाबों का बुके देख उसे पाने की ज़िद शुरू कर दी।
और अभिमन्यु उस लड़की से बचाने के लिए गुलाब इधर उधर छुपाने लगा…
” नो मीठी! अभी यहाँ से चलो तुम्हें शाम में पापा रोज़ेज़ दिलवा देंगे।”
” आप भूल जातें हैं पापा।”
उस व्यक्ति ने मुस्कुरा कर अभिमन्यु की तरफ देखा…-“तुम परेशान मत हो। जाओ अंदर मैं इसे सम्भाल लूंगा। “
अभिमन्यु विनम्रता से दुहरा होता उसी आदमी से अपने मन की बात कहने लगा….
” ये असल में मैडम के लिए लेकर आया हूँ।”
सामने खड़े आदमी की भौहें ज़रा तन गयीं। उसके चेहरे के भाव देख अभिमन्यु को लगा ये आदमी भी अंदर बैठी औरत से परेशान ही होगा , वो अपनी लय में कहता चला गया।
” क्या बताऊँ सर। इतनी कड़क हैं ये मैडम की आपकी गलती न भी हो तो भी आपको सॉरी बुलवा कर रहेंगी।”
सामने खड़े उस आदमी ने अभिमन्यु का कंधा थपथपा दिया…-“समझ सकता हूँ। और ये बात मुझ से बेहतर कौन जानेगा।”
” सर इतनी स्ट्रिक्ट है मैडम की पहला तो इन्हें देखते ही हम क्या कहने आये थे वो भूल जातें हैं। दूसरा ये अपनी मीठी ज़बान से हमें ऐसे लपेटतीं हैं कि जो वो करवाना चाहतीं हैं फिर वही होता है।
आप कितने पापड़ बेल लो होगा वही जो इन्होंने सोच रखा होगा। इन्हें कोई फर्क नही पड़ता की पढ़ने में कैसे हैं? आपके एम्बिशन क्या हैं? हम सब इनके लिए सिर्फ गधे हैं। बल्कि इन्हें यह लगता है कि इनके इस केबिन के बाहर हर कोई गांव है यह अकेली हिटलर है।
हिटलर नहीं बल्कि यह तो मुझे तुगलक लगती है। बिना सर पैर के फरमान जारी कर दिया तो कर दिया। अब तुम फॉलो करते हो तो ठीक और अगर नहीं की तो तुम्हारा सर कलम कर दिया जाएगा।
अच्छा सदियों से यह परंपरा रही है कि कितना भी खडूस राजा रहा हो,सर कलम करने से पहले आप की आखिरी इच्छा जरूर पूरी करने के लिए पूछता था। लेकिन यह ऐसी है कि आप की आखिरी इच्छा भी नहीं पूछेंगी सीधे खटाक।
“बहुत सताए हुए लग रहे हो इनके।”
” क्या करें इनसे ज्यादा हम अपनों के सताए हुए हैं।अपने कॉलेज के लौंडो की मदद करने के चक्कर में बुरी तरह से फंसे बैठे हैं। पता है अंदर जाएंगे तो मैडम सूली पर चढ़ा ही देंगी।”
“एक बार बात करके देखो दोस्त ! हो सकता है तुम्हारी सुन ले।”
अभिमन्यु ने लाचारगी से ना में से सिर हिला दिया…
“अभी 2 दिन पहले तो इनसे बात करके गए हैं सर जी। कैंपस में इधर-उधर लड़के ना घूमे उसके लिए आकर बड़े प्यार से इन से बात की कि आर्ट्स एंड स्पोर्ट्स वाले लड़कों का इधर-उधर घूमना बंद करवा दें। वह लड़के वैसे भी वाहियात हैं। अब कल तो हम किसी काम से मेडिकल गए थे अब वहां के कुछ लड़कों ने आकर आग लगा दी! अब मैडम जी हमारे नाम से फतवा जारी कर चुकी हैं। हमें इसीलिए बुलवाया गया है कि हमारे नाम का सस्पेंशन लेटर हमारे हाथ में रख दिया जाए ,क्योंकि मैडम ने आदेश पारित कर दिया था। और वह आदेश भी ऐसा वैसा नहीं कि दो से तीन बार वार्निंग दी जाएगी फलाना ढिकाना। बल्कि आदेश यह था कि अब से अगर कोई भी लड़का किसी दूसरे कैंपस में नजर आया तो उसे तुरंत सस्पेंड कर दिया जाएगा। एक महीना के लिए। अब बोलिए 15 दिन बाद हमारे एग्जाम होने हैं। यह हमें सस्पेंड कर देंगी तो हम तो पूरा एक सेमेस्टर पीछे हो जाएंगे ना। “
“बात तो चिंता की है! पर तुम ऐसा करना, जाते साथ पहले मैडम से यह सारी बातें बोल देना। हो सकता है सुन ले, वैसे कभी-कभी सामने वाले की भी सुन लेती हैं। स्ट्रिक्ट तो हैं लेकिन अगर कोई अपनी सच्चाई पर अडिग रहे तो उसे माफ भी कर देतीं हैं।’
“पापा चलो न देर हो जाएगी। फिर मम्मी आपको डांट लगाएंगे कि मीठी को लेट करवा दिया।”
अभिमन्यु ने प्यार से उस बच्ची के सर पर हाथ फेरा और मुस्कुरा कर उसके पास झुक कर बैठ गया …-“हां बेटा जाओ घर पर आपकी मम्मी वेट कर रही होगी ना।”
“नहीं भैया! मम्मी तो अंदर बैठी हैं ।यह मम्मी का ही ऑफिस है। और स्कूल ले जाने के पहले पापा मुझे मम्मी से मिलवाने लाते हैं।”
अभिमन्यु खट से खड़ा हो गया। उसने घबराते हुए सामने खड़े आदमी की तरफ देखा…-” आई एम सॉरी सर। मुझे पता नहीं था कि आप….”
वह कहते कहते रुक गया कि प्रेम ने उसके सामने हाथ बढ़ा दिया…-” मैं प्रेम सिंह चंदेल हूँ। अंदर आपकी जो हिटलर मैडम बैठी हैं हमारी ही शरीक-ए-हयात हैं।
और वैसे इतनी भी खडूस नहीं है वो। नाम क्या बताया तुमने अपना?”
“सर अभिमन्यु! अभिमन्यु मिश्रा मेकेनिकल 5th सेमेस्टर में पढ़ता हूं।”
“अरे जन्मकुंडली नहीं पूछी भाई । जाओ जाओ अंदर जाओ । मैडम ने ग्रीन बत्ती जला दी है।”
अपने बालों पर हाथ फेरता झूमता हुआ सा अभिमन्यु निरमा की केबिन में दाखिल हो गया और प्रेम मीठी का हाथ थामे उसके स्कूल के लिए निकल गया।
******
कैंटीन से लौटती रंगोली और झनक हॉस्टल पहुंचे कि देखा एक पुलिस की गाड़ी उनके कम्पाउंड में खड़ी है, और आसपास काफी सारी भीड़ भाड़ जमा हो रखी है।
वो लोग भी धीमे से घुस कर भीड़ का एक हिस्सा हो गए। आसपास खुसफुसाहट चल रही थी,ध्यान लगा कर सुनने में भी कुछ समझ नही आ रहा था। झनक ने साथ खड़ी एक लड़की से ” माज़रा क्या है?”पूछ ही लिया।
उसने जो बताया वो सुन कर रंगोली और झनक के होश उड़ गए।
उन्हीं के हॉस्टल में किसी लड़की ने फंदे से लटक कर आत्महत्या कर ली थी……
क्रमशः
aparna..
Ohhh my gossss…. Kya mast characterized kiya nirmaa mam ka abhimanyu ne,,, heheheh… Prem singh ji ki Hitler man😁😁😁😁😁😁
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Haye ! Koi to lauta do vp college k haseen din
Vo b kya din the mayanagri padhkar apne college wale rangeen din yaad aa gaye
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Beautiful part👌👌
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Bahut mazedaar laga abhimanyu or prem ke beech ki comedy batein udhar bechari rangili bhi apni jagah sahi thi abhi dekhte hein ki nirma madam ne kya phaisla kiya
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Mam kitne din se aap ne Humsafar ke part post nahi kiya hai
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Superb part. Nirma washing powder. 😆😆😆😆😆
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awesome superrrrr bbbbbbb part
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superbbbbbb part.
abhimanyu or cp sir ko padh kr clg ki yad aa gai, mechanical branch ke senior or unke junior..
or washing powder nirma to or hi majedar tha.
🤣🤣🤣🤣 btaiye prem ke samne hi nirma ki burai kr di..🤣🤣🤣
superbbbbbbb mam..
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मजा आ गया अपर्णा जी। क्या लिखती है आप। वाशिंग पाउडर पढ़ कर जो हंसी आई,🤣🤣🤣🤣🤣 अपने कॉलेज के दिन याद आ गए।
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निरमा को वाशिंग पाउडर सबसे पहले शादी डॉट कॉम में कहा था ,किसने ये याद नहीं पर वो राजा का ही दोस्त था? 🤔…और अब अभिमन्यु ने वाशिंग पाउडर कहा वो भी प्रेम के सामने! 😅😅….रंगोली के आंसू में अभिमन्यु भी बह गया। भई अभी अभी स्कूल से निकली है लड़की ,ये सब सुन घबरा जाना तो बनता है वो भी सीनियर्स के सामने। पर उम्मीद नहीं थी यूं डपट देगी लड़की उसे। 👌👌❣️
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